RIDE FOR GENDER FREEDOM:
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राकेश कुमार सिंह (राइडर राकेश) बिहार के गांव तरियानी छपरा निवासी है उनकी उम्र 43 वर्ष है. उन्होंने चेन्नई से 'राइड फॉर जेंडर फ्रीडम' साइकिल यात्रा पर निकले थे अब
तक वह साढ़े 3.5 वर्षो में 15 राज्यों की लगभग 22,000 किलोमीटर यात्रा पूरी कर चुके है।
इस सफर में चेन्नई से शुरू होते हुए पुडुच्चेरी, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब, राजस्थान तक पहुंचे है।
उनका उद्देश्य महिलाओं को समान भागीदारी दिलाने के लिए पूरे देश में साइकिल
चला कर जागरूकता फैलाना है एवं एसिड पीड़िताओं के साथ काम कर उनके दर्द और संघर्षो
को करीब से समझने की घटना ने उनको भीतर तक झकझोर दिया। भ्रूणहत्या, तेजाब हमला, दहेज उत्पीड़न व घरेलू हिंसा
से जूझ रही देश की आधी आबादी को 'निरीह' मानने वाली सोच पुरुषों में कब घर कर जाती है, इसलिए उनको मजबूर कर दिया कि देशभर में घूमकर और लोगों से
मिलकर इस सोच की वजह जानने की कोशिश करे इसी इरादे से उन्होंने साइकिल थामने का फसला
लिया था.
रोजाना 60 से 70 किलोमीटर तक की यात्रा करते है इस दौरान उनकी साइकिल के
आगे एक तख्ती लगी रहती है,जिस पर वो लैंगिक समानता के
प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कुछ संदेश लिखा रहता है। लोगों में कौताहूल होता है, जानने समझने का तो वह रुककर लोगों को इस बारे में जागरूक करते है.
उनका कहना है कि स्त्रियों के प्रति असमानता
का यह रवैया इंसान अपने घर से ही सीखता है। यह सोच घर से ही पनपती है, जो समय के साथ-साथ इतनी निष्ठुर हो जाती है कि वह पुरुष वर्चस्व के आगे स्त्रियों को कमजोर समझने
लगता है। उन्हें स्त्रियों से तुलना, उनसे 'ना' सुनना बर्दाश्त नहीं होता।
पीढ़ियों से चली आ रही इस दकियानूसी सोच को तोड़ने की जरूरत है। क्या कभी बेटी
का दान हो सकता है? क्या आप किसी को अपनी बेटी
दान देने में खुशी महसूस करते हैं? लेकिन कन्यादान हो रहे हैं।
इस दिशा में भी जागरूकता लाने की जरूरत है.
अपनी मुहिम में अब तक आठ लाख से अधिक लोगों से बात की है,जिसके आधार पर निचोड़ यही
निकला है कि सबसे पहले महिलाओं के प्रति सोच बदलने की जरूरत है। बेटियों के पैदा
होने का जश्न मनाने की जरूरत है और यही सोच हमें आने वाली पीढ़ी को देनी होगी.
15वे राज्य राजस्थान में अब तक कि सबसे लम्बी राइड होगी, लगभग 2500 किमी और 15 जिले हनुमानगढ़, बीकानेर और नागौर से होते अब तक 378 किमी की पैडलिंग 6 स्कूल और 2 कॉलेज, लगभग 900 किशोरों और युवाओ से संवाद आज नागौर के गांवो में लक्ष्य 5 स्कूल और 1 कॉलेज शुक्रिया टीम "राइडर इन राजस्थान" के साथियों को..
जुड़े उनकी इस मुहिम में, राजस्थान में बेहतर समाज के निर्माण के लिए
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http://genderfreedom.in/
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