आवारा सांड
भगवान् सुखदेव की आत्मा को शांति प्रदान करे !!
आवारा सांड शहर हो या गाँव नागरिकों के लिए काल बने हुए है.
सरकार ने पिछले दो सालों में स्टांप ड्यूटी (10 %) लगाकर 800 से 900 करोड़ रुपये की आमदनी की है लेकिन आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है..
इस साल लगभग 645 करोड़ रुपये सरकार नंदी गौशालाओं को अनुदान दे चुकी है लेकिन नंदी गौशाला इसका समाधान नहीं कर सकेगी..
#getridoftrampbull #dopermanentsolution
समाधान क्या है ?
व्यवस्था का एक नया नाम
आवारा सांड शहर हो या गाँव नागरिकों के लिए काल बने हुए है.
सरकार ने पिछले दो सालों में स्टांप ड्यूटी (10 %) लगाकर 800 से 900 करोड़ रुपये की आमदनी की है लेकिन आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है..
इस साल लगभग 645 करोड़ रुपये सरकार नंदी गौशालाओं को अनुदान दे चुकी है लेकिन नंदी गौशाला इसका समाधान नहीं कर सकेगी..
#getridoftrampbull #dopermanentsolution
समाधान क्या है ?
व्यवस्था का एक नया नाम
अभिनव राजस्थान में एक भी गाय और बैल आवारा नहीं डोलेगा। गायों और बैलों का आवारा घूमना और प्लास्टिक की थैलियाँ खाते दिखाई देना हमारे समाज के माथे पर कलंक है। इस कलंक को पहली बार अभिनव राजस्थान में सफलता से धो दिया जाएगा। राजस्थान में पसरी गोचर और व्यर्थ भूमि का विकास करके पालतू और जंगली जानवरों के लिए भरपूर चारे की व्यवस्था की जाएगी। हम इसके लिए नरेगा योजना को गोचर विकास से जोड़ देंगे। पशुपालक इन गोचरों में अपने पशु चरा सकेंगे। हम देशी नस्लों के विकास पर अधिक जोर देंगे और विदेशी नस्लों को धीरे-धीरे राजस्थान से बाहर कर देंगे। सांडों का उपयोग हम एक अद्भुत बिजली उत्पादन व्यवस्था के लिए करेंगे। ऐसा होने से फिर से समाज के काम आएंगे।
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